लॉकडाउन के बाद सौतेली मॉम की जमकर चुदाई- 2

 लॉकडाउन के बाद सौतेली मॉम की जमकर चुदाई- 2


स्टेप मदर सन सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे पता लगा कि मेरे पापा मेरा माँ को सेक्स का पूरा मजा नहीं पाते. तो मैंने अपनी मम्मी की चूत में अपना लंड डालने की कोशिश की.


फ्रेंड्स, मैं आपको अपनी स्टेप मदर सन सेक्स कहानी सुना रहा था.

कहानी के पहले भाग

लॉकडाउन के बाद सौतेली मॉम की जमकर चुदाई- 1

में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं मम्मी से टीवी का रिमोट छीनने के चलते उनके साथ मस्ती करने लगा था और उनकी चूचियों को मसलने लगा था.

जिस पर उनकी तरफ से कोई भी प्रतिरोध नहीं हो रहा था.

इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई थी और मैं उनके पीछे से चिपक कर उनकी गांड में अपना लंड लगाने लगा था.


अब आगे स्टेप मदर सन सेक्स कहानी:


फिर अचानक कुछ ऐसा हुआ कि क्या बताऊं. उन्होंने रिमोट मेरी पैंट में डाल दिया.

मम्मी- ले देख तू मूवी!


वो गुस्सा होकर अपने कमरे चली गईं.


मैं भी उनके पीछे गया और उनसे सॉरी बोला.

मैंने काफी देर तक उन्हें मनाया, तब जाकर मम्मी का गुस्सा शांत हुआ.


मैंने खुशी में उनको हग किया और गाल पर किस कर दिया.

मुझे लगा कि मम्मी फिर से गुस्सा हो जाएंगी, तो मैंने सॉरी बोला.


उन्होंने बोला- इसमें सॉरी की क्या बात है?

फिर उन्होंने मुझे हग किया और किस भी किया.


मैंने कहा- मम्मी मुझे आपके साथ पूरा वाला प्यार करना है.

मम्मी हंसी और बोलीं- चल हट, अभी मुझे खाना बनाने जाने दे.


मैं उनकी बात से हल्का सा खुश हो गया था कि मम्मी पूरा प्यार करने वाली बात से नाराज नहीं हुई थीं.


इसके बाद मम्मी खाना बनाने चली गईं.


मैं रात होने का इंतजार करने लगा.


रात हो गई तो सबने खाना खा लिया और सब सोने चले गए.

मैं भी मम्मी के कमरे में चला गया और मम्मी का इंतजार करने लगा.


मम्मी आईं और उन्होंने अपने कपड़े चेंज किए.

वो एक झीनी सी नाइटी पहन कर लेट गईं.


उनकी तरफ से कोई एक्शन नहीं हुआ तो मैं कुछ हिचकने लगा कि कहीं मम्मी नाराज न हो जाएं.

मैं उनकी तरफ से ही कुछ शुरुआत होने की उम्मीद कर रहा था मगर मम्मी लेट कर सोने जैसा कर रही थीं.


मैं उनके सोने का इंतजार करने लगा.


करीब दो घंटे बाद मैंने मम्मी को हिलाया, पर उन्होंने कोई रेसपांस नहीं दिया.

मैं अपने काम पर लग गया. मम्मी दूसरी तरफ मुँह करके सोई थीं.


मैंने धीरे से उनकी नाइटी को ऊपर किया उन्होंने आज पैंटी भी नहीं पहनी थी.


मैंने जल्दी से अपना लंड निकाला और उनकी गांड के छेद में डालने लगा.

पर मैं लंड अन्दर पेलने में मैं नाकामयाब रहा.


फिर मैंने लंड को उनकी गांड की दरार में अच्छे से सैट किया और रगड़ने लगा.


उसके बाद मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स पर रखा तो मैंने महसूस किया कि मम्मी ने ब्रा भी नहीं पहनी है.

मैंने झट से एक हाथ उनकी नाइटी में डाला और मम्मों को दबाने मसलने लगा, साथ ही मैं अपने लंड को उनकी गांड में भी रगड़ रहा था.


कुछ देर तक ऐसा करने पर मम्मी अचानक से हिलीं तो मैं हल्का सा साइड हो गया.

फिर मम्मी मेरी ओर मुँह करके सो गईं.


मैं थोड़ी देर रुका रहा फिर मैंने हल्के से मम्मी के दोनों बूब्स बाहर किए और उन्हें हल्के से दबा कर चूसना शुरू कर दिया.


इतना सब करने के बावजूद मम्मी आराम से सोई हुई थीं.


मेरा हौसला और बढ़ गया था.


मैं अपने एक हाथ से उनके मम्मों को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूत में उंगली करने लगा था.


इससे मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया.

मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर सैट किया और और हल्का सा दबाया.

मेरे लंड का सुपारा चूत के अन्दर चला गया.


फिर मैं हल्का हल्का झटके लगाने लगा और बूब्स चूसने लगा.

कुछ देर बाद मैं झड़ गया.


जैसे मैं झड़ते समय थोड़ा अकड़ सा गया था और मुझे उत्तेजना में होश ही नहीं रहा था तो मेरा सारा माल मैंने उनकी चूत में ही डाल दिया था.

झड़ने के बाद मैं उनको पकड़ कर वैसे ही लेट गया.


फिर कब नींद आई, कुछ पता ही नहीं चला.

काफी देर तक रात तक ऐसा चला था जिसकी वजह से जल्दी मैं नहीं उठ पाया.


करीब 10 बजे के आस-पास मम्मी मुझे उठाने आईं.

तब मेरा लंड खड़ा था.


मम्मी मेरे लंड को सहलाने लगी थीं,जिससे मेरी नींद टूट गई और मैं हड़बड़ा कर उठ गया.


मैं अपने लंड को छिपाने लगा.


मम्मी हंस कर बोलीं- क्या हुआ? कोई बुरा सपना देख रहा था क्या?

मैंने बोला- नहीं.


मम्मी- नींद कैसी आई?

मैं- अच्छी आई.


मम्मी- मजा आया?

मैं- क्या?


मम्मी- सोने में?

मैं- हां बहुत मजा आया. आपको मजा आया या नहीं?


मैं समझ गया कि मम्मी को रात का सब पता है.

मम्मी- इतने से में कुछ नहीं होगा, मुझे पूरा मजा चाहिए.


मैं समझ गया कि मम्मी को भी चुदने का पूरा मन है.


मम्मी मेरे बगल में बैठी थीं.

मैंने उनको हग किया और गाल पर किस किया.


मम्मी ने मेरे मुँह को अपने बूब्स के बीच दबा कर मुझे हग किया, फिर लिप किस करने के बाद बोलीं- चल अब जल्दी से नाश्ता कर ले.


मैं जल्दी से फ्रेश हो गया और नाश्ता करने के बाद टीवी देखने लगा.

मेरी छोटी बहन अपना पढ़ाई कर रही थी, दीदी अपने सहेली के घर गई थीं.


थोड़ी देर बाद मम्मी अपना सारा काम निपटा कर कमरे में गईं.


मैं भी पीछे-पीछे उनके साथ गया. मम्मी पूरा पसीना पसीना हो गई थीं तो वो अपनी साड़ी उतार रही थीं.

मैंने पीछे से जाकर उनको हग किया.


मम्मी- क्या हुआ, आज बड़ा प्यार आ रहा है?

मैं- आप हो ही ऐसी चीज कि किसी को भी आप पर प्यार आ जाए!

मम्मी- अच्छा मैं चीज हूँ?

मैं- हां.

ये कह कर धीरे-धीरे मैंने अपना हाथ उनके मम्मों पर रख दिए.


फिर भी मम्मी कुछ नहीं बोलीं तो मेरा साहस और बढ़ गया.

मेरा लंड खड़ा हो चुका था जो कि मम्मी की गांड में दबाव डाल रहा था.


मैं उनकी गर्दन पर किस करते हुए आगे बढ़ा और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.


मम्मी भी पूरे जोर से मेरा साथ दे रही थीं.

हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.


करीब 15 मिनट तक किस करते रहने के बाद मेरा लंड पूरा 7 इंच का हो गया.


मम्मी मेरी पैंट में हाथ डालकर लंड को सहलाने लगीं और मैं उनके बूब्स को चूसने लगा.

कभी मैं उनके होंठों को चूमता, कभी बूब्स को चूसता और मसल देता.


बीस मिनट तक बूब्स चूसने के बाद मैंने अपना लंड मां के हाथों में दिया और चूसने को कहा.


मां बड़े प्यार से मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस रही थीं, मुझे बहुत मजा आ रहा था.


करीब दस मिनट बाद मैं उनके मुँह में ही झड़ गया, मम्मी सारा माल पी गईं.


अब मैंने मम्मी को नंगी किया और उनकी कोमल सी चूत पर टूट पड़ा.

उनकी चूत को चाटने लगा और जीभ से चोदने लगा.


करीब दस मिनट बाद मम्मी भी झड़ गईं.

मैं माँ की चूत का सारा माल पी गया और उनकी चूत को चाट कर साफ कर दिया.


जब मेरा लंड टनटना कर मूसल जैसा हो गया और मम्मी की चूत भी अच्छी तरह से गीली हो गई तो मैंने एक तकिया मम्मी के चूतड़ों के नीचे रखा और मम्मी की टांगों के बीच आ गया.


मम्मी की चूत के लबों को खोलकर अपने लंड का सुपारा मम्मी के चूत के मुख पर सैट करके मैं आगे की ओर झुका और मम्मी की दाहिनी चूची अपने मुँह में पकड़कर चूसने लगा.

मम्मी ने चूतड़ उचकाकर जाहिर कर दिया कि वो अब चुदवाने के लिए बेताब हैं.


अपनी मम्मी की चूची चूसते चूसते मैंने अपना लंड मम्मी की चूत में धकेला तो धीरे धीरे पूरा लंड मम्मी की चूत में समा गया.

मम्मी की चूत कल की अपेक्षा आज टाइट लग रही थी.

या तो आज मेरा लंड ज्यादा टनटनाया हुआ था या चूतड़ों के नीचे तकिया रखने से मम्मी की चूत टाइट हो गई थी.


मेरा लंड मम्मी की चूत के अन्दर था और मम्मी की चूची मेरे मुँह के अन्दर.


मेरे बालों में उंगलियां चलाती हुई मम्मी बोलीं- मेरा प्यारा बेटा … मेरे राजा, मेरी जान मुझे मनीषा कहकर बुलाओ, मैं तुम्हारी मनीषा हूँ. मुझसे गंदी गंदी बात करो … मुझे चोदो … मेरी चूत की धज्जियां उड़ा दो … मेरी चूचियां मसलो काटो. मेरे साथ दरिंदगी करो, मैं बरसों की प्यासी हूँ, तेरे पापा कुछ नहीं कर पाते हैं … मैं बहुत तड़पी हूँ … मुझे हचक कर चोदो … जमकर चोदो … गंदी गंदी बातें सुनाते हुए चोदो.


मैं अपना लंड आधा बाहर निकालकर जोर से अन्दर ठोंकते हुए मम्मी की दोनों चूचियां अपनी मुठ्ठियों में दबोचते हुए चोदने लगा.


मैंने कहा- मनीषा डार्लिंग, मेरी जान, मेरी गुले गुलजार मैं तुम्हें जमकर चोदूंगा, मेरा लंड जब अपनी रफ्तार पकड़ेगा, तो तुम्हारी नाभि के भी परखच्चे उड़ा देगा. तुम मुझसे चुदवाने के लिए ही पैदा हुई हो और तुमने मुझे इसीलिए पैदा किया था कि मैं तुम्हारी चूत की आग बुझा सकूं. लो झेलो, अब मेरे लंड की ठोकरें.


इतना कहकर मैंने मम्मी की चूचियां छोड़ दीं, मम्मी की टांगें अपने कंधों पर रख लीं और अपना लंड मम्मी की चूत में अन्दर बाहर करना शुरू किया.


दो तीन बार धीरे धीरे करने के बाद जब दो तीन जोर के शॉट मारे तो मम्मी चिल्ला पड़ीं.

मैंने हंसते हुए कहा- मनीषा मैडम, अब चिल्लाने से कुछ नहीं होगा, चुदाई ऐसे ही होगी और दिनभर रातभर हर दिन होगी.


राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड से लगे मेरे लंड के धक्कों से मम्मी हांफने लगीं और उन्होंने हाथ जोड़कर रुकने का निवेदन किया.

मैं रूका तो मम्मी ने अपनी टांगें मेरे कंधों से उतार लीं और अपनी सांस सामान्य करने लगीं.


मैंने मम्मी को पलटाकर घोड़ी बना दिया और उनके पीछे आकर चूत का मुँह फैला कर अपने लंड का सुपारा रख दिया. दोनों हाथों से मम्मी की कमर पकड़कर जोर का झटका मारा और पूरा लंड पेल दिया.


पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार से शुरू हुई चुदाई जब राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड तक पहुंची तो मेरा लंड अकड़ने लगा.

उधर मम्मी की टांगें भी दर्द करने लगी थीं. उनके बार बार कहने पर उनको सीधा करके पीठ के बल लिटा दिया.


इस बार मैंने उनके चूतड़ों के नीचे दो तकिये रखे, जिससे चूत का मुँह आसमान की तरफ हो गया.

लंड को मम्मी की चूत में डालकर मैं मम्मी के ऊपर लेट गया और मम्मी की चूचियां पकड़कर मनीषा मनीषा कहते हुए चोदने लगा.


जब डिस्चार्ज का समय नजदीक आया तो मम्मी के होंठ अपने होंठों में दबाकर मैंने लंड की स्पीड बढ़ा दी.

चुत में डिस्चार्ज होने के बाद भी कुछ देर तक मैं मम्मी के ऊपर ही लेटा रहा.


जब मैं हटा तो मम्मी बोलीं- मेरे राजा, तुम तो लोटा भरकर मलाई टपकाते हो, मेरी पूरी चूत भर दी.


मम्मी की चुदाई के बाद मैं उनके ऊपर ही लेट गया और उन्हें किस करने लगा.

स्टेप मदर सन सेक्स के बाद भी हम दोनों अभी भी पूरे नंगे थे.


तभी अचानक किसी ने दरवाजा खोला.

मैं और मम्मी हड़बड़ा कर उठे तो देखा कि वो दीदी थीं.


दोस्तो, बहुत ही जल्द ही मैं आगे की सेक्स कहानी लेकर आऊंगा और बताऊंगा कि आगे क्या हुआ.


ये स्टेप मदर सन सेक्स कहानी आप लोगो को अगर अच्छी लगी होगी. मुझे रिप्लाई जरूर करना ताकि आगे की सारी बातें आप लोगों तक जल्दी पहुंच सकें.

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