लॉकडाउन के बाद सौतेली मॉम की जमकर चुदाई- 1
हॉट मॉम डैड सेक्स कहानी में मैंने एक रात अपने माँ पापा की चुदाई देखी. पापा जल्दी निपट गए तो माँ प्यासी रह गयी थी. उन्होंने बाथरूम में अपनी चूत में उंगली करके अपनी प्यास बुझाई.
देसी मम्मी की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी स्टेप मॉम की चूत और गांड चुदाई की.
दोस्तो, मेरा नाम राज है, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.
मैंने अन्तर्वासना में बहुत सी कहानियाँ पढ़ी, तो मेरे मन में भी विचार आया कि मैं भी अपनी कहानी अन्तर्वासना पर आप सबसे साझा करूं.
यह अन्तर्वासना में मेरी स्टेप मॉम के साथ की गई चुदाई की कहानी है. आशा करता हूं, आप सबको यह हॉट मॉम डैड सेक्स कहानी जरूर पसंद आएगी.
सबसे पहले मैं आप सबसे अपना परिचय करा दूँ.
मेरी उम्र 20 साल, कद 5 फुट 10 इंच और मेरा लंड लगभग 7 इंच का है. मेरी स्टेप मॉम मनीषा एक बहुत ही साधारण महिला हैं. लेकिन वो बहुत ही आकर्षक दिखती हैं.
उनकी उम्र 40 साल है. उनका गोरा रंग, तो किसी का भी ध्यान अपनी ओर खींच लेता है.
उनकी फिगर तो इतनी कंटीली है कि क्या बताऊं.
मेरी मम्मी की मादक देह अच्छे अच्छों का ध्यान भटका देती है. उनकी फिगर 36-30-34 की है.
वो हमेशा साड़ी पहनती हैं. कई बार खाना बनाने के वक्त वो अपनी साड़ी पेट के नीचे दबा लेती हैं और उस वक्त उनकी नाभि साफ झलकती है.
ऐसी कामुक नाभि देखकर तो किसी का भी लंड सलामी देने लगे.
जब वो सज-धज कर किसी शादी या फंक्शन आदि में जाती हैं तो सभी लोगों की निगाहें उन पर गड़ जाती हैं.
यह बात उन दिनों की है, जब मैं 20 साल का हुआ ही था और लॉकडाउन लगा हुआ था.
आपको तो पता ही है कि इस उम्र में जवानी का खुमार चढ़ा हुआ होता है.
शुरू से ही सेक्स के प्रति मेरी रूचि कुछ ज्यादा ही रही है, तो मैं पूरे दिन सेक्स कहानी पढ़ता और बाथरूम में जाकर मुठ मारता.
पर मैंने सौतेली मां के बारे में मैंने कभी कोई गलत बात मन में भी आने नहीं दी थी.
मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं तो घर भी छोटा सा ही है. हमारे घर में दो कमरे हैं.
जिसमें एक में मम्मी और पापा सोते हैं और दूसरे मैं और मेरी बहनें.
एक दिन अचानक रात को मुझे कुछ आवाजें सुनाई दीं.
मैं हल्के से उठा और बाहर गया.
खिड़की का दरवाजा हल्का सा खुला था.
मैंने खिड़की से झांक कर देखा तो मुझे दिखा कि मेरे पापा मेरी मां की जांघों के पास बैठे हैं.
मैं बिना आवाज किए वो सब हॉट मॉम डैड सेक्स देखता रहा.
मेरे पापा ने अपनी चड्डी उतार कर फेंक दी.
इसके बाद में उन्होंने अपना हाथ मां की साड़ी में डाल दिया और मां की पैंटी भी उतार कर फेंक दी.
इसके बाद पापा जी मां के ऊपर चढ़ गए.
वो नजारा देखकर मेरा बुरा हाल हो गया.
पापा ने जोर जोर से धक्के मारना चालू कर दिए.
मेरी मां जोर जोर से सिसकारियां लेने लगीं.
लेकिन कुछ होता, इससे पहले मेरे पापा झड़ गए.
उसके बाद वो करवट लेकर सो गए.
मुझे तभी पता चल गया था कि मेरे बाप में दम नहीं है.
तभी मम्मी बेड से उतरने लगीं तो मैं अपने कमरे में आ गया और अपने बेड पर लेट गया.
अब मुझे नींद नहीं आ रही थी; मेरे दिमाग में बस वो सेक्स सीन चल रहा था.
मैं उठा और बाथरूम की ओर गया.
अभी जैसे ही मैं बाथरूम में घुसता, मुझे मां की सिसकारियां सुनाई दीं.
मैंने धीरे से अन्दर झांका, तो मैं दंग रह गया.
मेरी मां ने अपनी साड़ी ऊपर कर ली थी और वो फर्श पर आधी लेटी हुई थीं. उनका हाथ अपनी साड़ी के नीचे अपनी चूत में घुसा हुआ था. उन्होंने अपनी दो उंगलियां चूत में डाल रखी थीं. वो जोर जोर से अपनी चूत को खोद रही थीं.
मैं दरवाजे के बाहर खड़ा होकर ये सब तमाशा देख रहा था.
मैंने समय ना गंवाते हुए अपना लंड निकाला और मसलने लगा.
मां अपने मम्मे जोर जोर से मसल रही थीं. मेरी मां ने उस रात काफी देर अपनी चूत में उंगली की.
झड़ने के बाद उन्होंने अपना पूरा रस अपनी उंगली की मदद से चाट लिया.
इधर मैं भी झड़ गया था.
मैं मां के पहले बिस्तर पर जाकर सो गया.
जब मैं सुबह उठा तो अब मेरा मां की तरफ देखने का नजरिया बदल गया था.
जब वो नहाने के बाद कपड़े पहनती हैं तो उनका गीला पेटीकोट नीचे गिर जाता है और उनके मम्मे उछल कर बाहर आ जाते हैं.
कसम से मम्मी के वो बड़े बड़े मम्मे और उनके ऊपर वो काले चूचे देखकर ऐसा लगता है कि बस उनको पकड़ कर चूस लो.
मैं उन्हें उस दिन से इस अवस्था में कैमरा में शूट करने लगा.
फिर जब भी मेरा मन करता, मैं उनके मम्मे देखकर मुठ मार लेता था.
कई बार तो मैं उनकी जांघों पर सर रख के सोने का बहाना करके उनके मम्मों को दबा भी देता था.
मेरा उनके रसीले गुलाबी होंठ देखकर चूसने का मन करता था.
जब वो किचन में खाना बनातीं तो मैं अपना लंड खड़ा करके पीछे के जाकर खड़ा हो जाता था और उनकी गांड में लंड दबा कर मजे ले लेता था.
ये सब रोजाना देख कर यही सोचता था कि जल्दी से मुझे मम्मी को चोदने का मौका मिले.
लेकिन मुझे पता नहीं था कि ये सब कैसे होगा.
पर मेरी किस्मत का पासा पलटा और लॉकडाउन खुल गया.
पापा दूसरे शहर में जाकर कपड़े का व्यापार करते हैं.
तो वे महीने में कुछ ही दिन के लिए घर आते हैं.
जैसे ही लॉकडाउन खुला, मानो मेरी लॉटरी लग गई थी.
मैं इतना ज्यादा खुश था कि क्या ही बताऊं.
अब बस मैं इस इंतजार में था कि बस पापा जल्दी से जाएं और मैं मां चोदने का अपना सपना पूरा करूं.
कुछ ही दिन बाद पापा अपने काम के लिए चले गए.
अब तो मुझे पता था मेरी भूखी मां तो पूरी तरह हवस की शिकार हो जाएगी.
दोपहर को मैं टीवी देख रहा था, तभी मेरी मां बाथरूम की ओर चल पड़ीं.
फिर क्या था, मैं भी उनके पीछे चला गया.
उस दिन तो उन्होंने कमाल ही कर दिया.
उन्होंने उस दिन हाथ में बेलन लिया हुआ था और उस बेलन को अपनी चूत पर सैट कर रखा था.
थोड़ी देर बाद वो बेलन का हैंडल उनकी चूत के अन्दर चला गया और उसी के साथ मां की सांसें तेज हो गईं.
वो जोर जोर से सिसकारियां लेने लगीं.
मेरा मन तो कर रहा था कि उनकी चूत को अभी अन्दर जाकर चोद दूं.
कुछ देर बाद उन्होंने अपना ब्लाउज निकाल कर फेंक दिया.
उनके सारे कपड़े निकल गए थे और वो अब पूरी तरह नंगी हो चुकी थीं.
मैंने झट से अपना मोबाईल निकाला और उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया.
साथ ही मैंने अपना लंड निकाल कर हिलाना भी शुरू कर दिया था.
थोड़ी देर बाद मां झड़ गईं.
उन्होंने वो बेलन चूत से निकाल कर मुँह में ले लिया.
तभी अचानक मेरे रूम से दीदी ने बाहर आने के लिए दरवाजा खोला.
मैं जल्दी से संभलने की कोशिश में बाथरूम के दरवाजे से टकरा गया.
मम्मी भी जल्दी से बाहर आ गईं, मम्मी ने मुझे देख लिया और पूछा- यहां क्या कर रहे हो?
मैंने बोला- कुछ नहीं.
मैं चुपचाप अपने रूम आ गया.
रात को खाना खाने के बाद सब सोने चले गए.
मैं टीवी देखने लगा.
कुछ देर बाद मम्मी मेरे पास आईं और वो भी टीवी देखने लगीं.
फिर अचानक से मम्मी ने कहा- उस वक्त बाथरूम के बाहर तुम क्या कर रहे थे?
मैंने कहा- कुछ नहीं.
मम्मी ने कड़क आवाज में बोला- सच सच बताओ?
मैंने कहा- मैं तो बस किचन में पानी पीने जा रहा था.
मम्मी बोलीं- तो तुमने कुछ नहीं देखा?
मैंने पूछा- क्या नहीं देखा?
मम्मी- इतने भोले मत बनो, सच सच बोलो तुम क्या कर रहे थे … या तुम्हारे पापा को बताऊं कि किचन में तुम मेरे पीछे खड़े होकर मेरे साथ क्या करते थे?
मैं- सॉरी मम्मी, मैं अब से ऐसा नहीं करूंगा.
मम्मी- कोई बात नहीं, पर ये किसी को बताना मत!
मैं समझ गया कि मम्मी को मेरे लंड से गांड घिसवाने में मजा आता है.
मैंने कहा- ओके मम्मी.
मम्मी- चल अब सो जा.
मैं- ओके मम्मी.
मैं अपने कमरे में सोने चला गया.
कुछ देर बाद मम्मी कमरे में आईं और बोलीं- राज चल तू मेरे साथ सो जाना, मुझे अकेले डर लग रहा है.
ये सुन कर मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं खुश होऊं या दुखी.
मैं मम्मी के साथ उनके कमरे में सोने चला गया.
रात के 2 बजे के आसपास जब मैं बाथरूम जाने के लिए उठा.
तभी देखा कि मेरी मम्मी मुझसे चिपक कर सोई हुई थीं, वो गहरी नींद में थीं.
मैं जल्दी से बाथरूम गया और आकर चिपक कर लेट गया.
मैंने मम्मी को थोड़ा हिलाया, पर वो गहरी नींद में थीं.
तब मैंने उनका पल्लू साइड किया और उनके ब्लाउज के एक दो बटन खोल दिए.
उसके बाद उनके बूब्स के पास चिपक कर लेट गया.
उनके बूब्स की मादक सुंगध मदहोश करने वाली थी.
कुछ देर बाद मम्मी करवट लेकर दूसरी तरफ मुड़ गईं.
उसके कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ उनकी कमर पर रखा और धीरे धीरे उनसे चिपकने लगा.
मैंने अपना लंड निकाला और उनके गांड पर सैट किया और अच्छे से चिपक गया.
फिर मैंने धीरे-धीरे अपना एक हाथ मम्मी के मम्मों पर रख दिया और धीरे धीरे उनके मम्मों को दबाने लगा. साथ ही उनकी गांड में अपना लंड भी रगड़ रहा था.
कुछ देर ऐसे करते करते मैं झड़ गया.
मेरे लंड का सारा माल मम्मी की साड़ी पर ही गिर गया था और मैं शांत हो गया था.
काफी थकान सी लग रही थी तो कब सोया, कुछ पता नहीं चला.
सुबह मम्मी मुझे उठाने आईं, तब दस बज गए थे.
मम्मी ने मुझे उठाया और मेरे माथे पर किस की.
मम्मी- नींद कैसी आई?
मैं- बहुत अच्छी.
मम्मी- अब जल्दी से फ्रेश हो जाओ और नाश्ता कर लो.
मैंने जल्दी से नाश्ता किया और मैं अपनी छोटी बहन के साथ टीवी देखने लगा.
बड़ी दीदी घर पर नहीं थीं, वो शायद अपनी सहेली के घर गई थीं.
कुछ देर बाद मम्मी आईं और मेरे बगल में बैठ गईं.
मम्मी ने मेरे हाथ से रिमोट लेकर अपना सीरियल लगा दिया तो मेरी बहन भुनभुना कर अपने कमरे में चली गई.
मैंने मम्मी से कहा- मुझे वो मूवी देखने दो मम्मी, बस अब वो खत्म होने वाली ही है.
मैं मम्मी से रिमोट लेने के लिए हाथ चलाने लगा.
मम्मी रिमोट इधर उधर करने लगीं.
मैंने रिमोट लेने के लिए उनका हाथ पकड़ा, तो वो छुड़ाने लगीं.
इसी छीना-झपटी में मैंने उनके मम्मों को दबा दिया.
उन्होंने कुछ नहीं बोला.
मेरी हिम्मत कुछ ज्यादा बढ़ गई.
वो खड़ी हो गईं.
मैंने कोशिश जारी रखी और रिमोट लेने के बहाने से मैं अब सिर्फ उनके मम्मों को दबा रहा था.
इस सब में मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मैं उनसे चिपकने लगा, उनकी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा था.
मम्मी कुछ नहीं बोल रही थीं, शायद वो भी मजे ले रही थीं.
दोस्तो, मेरी मां की चुदाई की कहानी के इस भाग में आपको मजा आया होगा.
अगले भाग में मैं अपनी मां की चुदाई की कहानी को पूरे विस्तार से लिखूंगा.
लॉकडाउन के बाद सौतेली मॉम की जमकर चुदाई- 2
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