छत पर स्तन दबा कर चुदाई की शुरुआत हुई

 छत पर स्तन दबा कर चुदाई की शुरुआत हुई






एक दिन शाम में मैं अपनी छत पर टहलने के लिए चला गया जब मैं अपनी छत पर टहलने के लिए गया तो उसी वक़्त मेरे दोस्त शरगुन का फ़ोन आया. शरगुन से काफी समय से मेरी बात नहीं हुई थी शरगुन अब जॉब करने के लिए बंगलौर चला गया है. शरगुन के साथ कुछ देर मैंने बात की मैंने जैसे ही फोन रखा तो मैंने देखा कि सामने की छत पर एक लड़की है।

सामने के घर पर शर्मा अंकल रहते हैं वह अक्सर हमारे घर पर आते जाते रहते हैं लेकिन मैंने उस लड़की को कभी उस घर में पहले नहीं देखा था। मैं काफी देर तक उसे देखता रहा उसने मेरी तरफ एक दो बार देखा लेकिन उसके बावजूद भी उसने मुझे जैसे नजरअंदाज कर दिया था।


उसके बाद मैं अपने घर पर आ गया था उस वक्त 7:30 बज रहे थे मां मुझे कहने लगी कि भावेश बेटा तुम्हारे पापा आने वाले हैं तुम जल्दी से जाकर चीनी ले आओ। घर में चीनी खत्म हो चुकी थी इसलिए मैं अपने घर के पास की ही दुकान में चीनी लेने के लिए चला गया, मैं चीनी लेकर 10 मिनट बाद ही वापस लौट आया था।


मैं जैसे ही घर पहुंचा तो उस वक्त पापा भी घर पर आ चुके थे पापा काफी थके हुए थे. तो माँ ने उनके लिए चाय बनाई और थोड़ी देर बाद मां ने उन्हें चाय दी तो पापा मुझसे कहने लगे कि भावेश तुमने आगे क्या सोचा है। मैंने पापा से कुछ नहीं कहा मैंने कुछ दिनों पहले ही अपनी नौकरी छोड़ दी थी.


क्योंकि मेरे बॉस के साथ मेरा झगड़ा हो गया था इसलिए मैं नौकरी नहीं करना चाहता था लेकिन अब मेरे पास और कोई रास्ता भी नहीं था। मुझे घर पर दो महीने हो चुके थे दो महीने से मेरे पास कोई भी काम नहीं था मुझे भी लगने लगा था कि मुझे अब नौकरी कर लेनी चाहिए।


अगले ही दिन से मैं इंटरव्यू देने के लिए जाने लगा लेकिन मेरे हाथ हर रोज निराशा ही लगती। मैं एक दिन एक कंपनी में इंटरव्यू देने गया और वहां पर मेरा सिलेक्शन हो गया जब मेरा उस कंपनी में सिलेक्शन हुआ तो उसके बाद मैं वहां पर जॉब करने लगा।



मैं हर रोज सुबह ऑफिस जाता और शाम को घर लौट आता मेरे जीवन में कुछ भी नया नहीं था। एक दिन मैं घर लौट रहा था तो मैंने उसी लड़की को देखा जिसे मैंने एक दिन छत पर देखा था वह अपने फोन पर किसी से बात कर रही थी वह मेरे आगे आगे चल रही थी तभी अचानक से उसका पर्स नीचे गिर गया।


मैंने उसका पर्स उठाया और उसे आवाज़ देते हुए रोका जैसे ही वह पीछे मुड़ी तो मैंने उसे कहा कि आपका पर्स छूट गया था उसने अपना पर्स वापस लिया। वह किसी से फोन पर बात कर रही थी इसलिए मुझसे उसने बात नहीं की और फिर मैं भी अपने घर निकल चुका था मैं जब घर पहुंचा तो मां मुझे कहने लगी कि भावेश बेटा तुम काफी ज्यादा थके हुए नजर आ रहे हो।


मैंने मां से कहा हां मैं काफी ज्यादा थक चुका हूं क्योंकि आज ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था मैंने मां से कहा कि मां मेरे लिए तुम चाय बना देना। मां कहने लगी बस बेटा मैं अभी तुम्हारे लिए चाय बना देती हूं। मां ने मेरे लिए चाय बनाई और जब मां ने मेरे लिए चाय बना कर लाई तो मैंने चाय पी और उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया।


मैं अपने रूम में कपड़े चेंज कर के बैठक में आया तो पापा भी आ चुके थे पापा मुझसे कहने लगे कि भावेश बेटा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है। मैंने पापा से कहा कि पापा मेरी जॉब तो अच्छी चल रही है पापा और मैं एक दूसरे से बात कर रहे थे.


तो पापा ने मुझे कहा बेटा कुछ दिनों के लिए मेरे एक दोस्त हमारे घर पर आएंगे तो पापा मुझे कहने लगे कि तुम उन्हें कल सुबह रेलवे स्टेशन लेने के लिए चले जाना। मैंने पापा से कहा ठीक है मैं कल सुबह उन्हें लेने के लिए स्टेशन चला जाऊंगा।



अगले दिन सुबह मैं जब उन्हें लेने के लिए स्टेशन जा रहा था तो मैंने उस लड़की को दोबारा से देखा जो कि हमारे पड़ोस में रहने के लिए आई थी वह सुबह कहीं जा रही थी लेकिन उससे मेरी अभी तक बात नहीं हो पाई थी। मैं उस दिन रेलवे स्टेशन चला गया और पापा के दोस्त को मैं घर ले आया था।



मैं उस लड़की से बात करना चाहता था लेकिन मेरी उससे अभी तक कोई बात नहीं हो पाई थी एक दिन मैं छत पर ही था और वह भी छत पर आ गई। जब वह छत पर आई तो वह मुझसे बात करने लगी और कहने लगी कि मेरा नाम सौम्या है औऱ उस दिन मैं आपको थैंक्यू भी नहीं कह पाई क्योंकि मैं मम्मी से बात कर रही थी।


मैंने उसे कहा कोई बात नहीं मैंने भी उसे अपना नाम बताया। उसने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों पहले ही शर्मा जी के घर पर रहने के लिए आई थी वह शर्मा अंकल के घर पर किराए पर रहती है और किसी प्राइवेट कंपनी में वह जॉब करती है। मैं सौम्या से काफी देर तक बात करता रहा, और उसके बाद भी हम लोगों की बातें होती रही हम दोनों जब एक दूसरे से मिलते तो अक्सर बातें किया करते थे।


अब हम दोनों की मुलाकात कुछ ज्यादा ही होने लगी थी मुझे सौम्या से बात करना अच्छा लगता सौम्या जब भी परेशान होती तो वह मुझसे जरूर मदद लिया करती और मुझे भी सौम्या की मदद करना अच्छा लगता था। एक दिन सौम्या अपने किसी दोस्त के घर पार्टी में गई हुई थी तो उसे आने में देर होने वाली थी सौम्या ने मुझे फोन किया.


और मैं उस दिन सौम्या को रिसीव करने के लिए चला गया सौम्या हमेशा ही कहती कि भावेश तुम बहुत अच्छे हो। हम दोनों की अच्छी दोस्ती हो चुकी थी लेकिन शायद मेरे दिल में उसके लिए कुछ था मैं सौम्या से प्यार करने लगा था और सौम्या को मैं पसंद करने लगा था।


सौम्या को मैंने एक दिन छत पर मिलने के लिए बुलाया सौम्या छत पर आ गई उस दिन मैंने सौम्या से अपने दिल की बात कह दी। शाम का अंधेरा था इसलिए छत में कोई भी नहीं दिखाई दे रहा था धीरे-धीरे अंधेरा बढ़ने लगाया था सौम्या और मैं ही साथ में थे।


जब सौम्या को मैंने अपने दिल की बात कही तो वह भी मना ना कर सकी और उस दिन मैंने सौम्या को अपने गले लगा लिया गले लगाने के बाद हम दोनों की गर्मी बढ़ती ही चली गई। मै सौम्या के बदन के गरमाहट को महसूस कर पा रहा था छत पर ही मैंने उसे किस कर लिया जिस छत पर मैने उसे पहली बार देखा था।


मैंने जब उसे पहली बार देखा तो उसे मैंने किस कर लिया था अब तो जैसे सौम्या मेरी हो चुकी थी और अपने आपको बिल्कुल भी रोक नही पाई। मैंने जब उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी और उसे बहुत ही ज्यादा आनंद आने लगा.


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वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। मैंने भी उसके कपड़े उतारे और जब मैंने उसके सलवार के नाडे को खोलते ही उसके सलवार को नीचे किया तो वह मुझे कहने लगी भावेश कहीं कुछ होगा तो नहीं मैंने उसे कहा कुछ नहीं होगा. “Hindi Virgin Sex Gatha”


जैसे ही मैंने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाला तो उसकी चूत को सहलाना शुरु किया वह उछल पड़ी और कहने लगी मेरी चूत से पानी बहुत ज्यादा निकलने लगा है। मैंने उसकी पैंटी को उतार और उसकी चूत को मैं चाटने लगा जब मैं ऐसा कर रहा था तो उसकी चूत से बहुत अधिक पानी बाहर की तरफ निकल रहा था।


मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर सटाया तो वह मुझे कहने लगी तुम अब अपने मोटे लंड को मेरी चूत मे डाल दो। मैं चाहता था पहले वह मेरे लंड को सकिंग करे और उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया मेरे लंड को वह मुंह के अंदर बाहर कर रही थी तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और वह भी बहुत ज्यादा खुश थी।


मेरे अंदर की गर्मी लगातार बढ़ती ही जा रही थी लेकिन जब मैंने उसके मुंह के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो उसने उसे अंदर ही निगल लिया. अब वह खुश हो चुकी थी जैसे उसके अंदर की ताकत बढ़ चुकी थी। उसने अपनी चूतड़ों को मेरे सामने किया मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत से बहुत अधिक मात्रा में पानी बाहर निकल रहा था.


मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को सटाते हुए डालना शुरू किया जैसे ही मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसा तो वह चिल्लाने लगी थी. मैंने उसे कहा बस थोड़ा सा ही रह गया तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड कितना लंबा है मेरी चूत में दर्द हो रहा है।


मैंने उसकी पतली कमर को कस कर पकड़ लिया और अब मैंने उसे जोर से धक्का दिया जिसके साथ ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जा चुका था. वह जोर से चिल्लाई और उसकी चूत से खून बाहर की तरफ निकल गया मैंने उसे कहा मुझे आज मजा आ गया। “Hindi Virgin Sex Katha”


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वह मुझे कहने लगी मजा तो मुझे भी आ रहा है लेकिन बहुत दर्द हो रहा है मेरा लंड सौम्या की योनि के अंदर पूरी तरीके से सेट हो चुका था इसलिए उसे भी अब अच्छा लग रहा था। मै उसे तेजी से चोद रहा था वह बोली जब तुम ऐसा कर रहे हो तो मुझे मजा आ रहा है।


मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था और उसकी गर्मी को मैंने अच्छी तरीके से बढा कर रख दिया था वह मुझे कहने लगी तुमने तो मेरी चूत की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया है। उसकी योनि से पानी कुछ ज्यादा ही बाहर की तरफ को निकलने लगा था इसलिए मुझे एहसास होने लगा था कि शायद वह ज्यादा देर तक मेरा साथ नहीं दे पाएगी.


मैंने उसे कहा मुझे लगने लगा है तुम मेरा ज्यादा देर तक साथ नहीं दे पाओगी। वह कहने लगी हां भावेश तुम ठीक कह रहे हो मैं झडने वाली हूं उसकी चूत से इतना अधिक पानी निकल चुका था कि मैंने जब उसकी चूत के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो वह खुश हो गई और कहने लगी आज तुमने मेरी इच्छा को पूरा कर दी है मैं बहुत ही खुश हूं। उस दिन के बाद हमारी प्यार की शुरुआत हो गई मैने पहली बार उसे छत पर देखा था और छत पर मैंने सौम्या के साथ चूत चुदाई का आनंद लिया।

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