बुआ ने अपनी सहेली की चूत दिलवायी
Xxx बुआ की चुदाई कहानी में पढ़ें कि रात को बुआ की चुदाई के बाद सुबह उठे तो बुआ ने अपनी सहेली की चुदाई की बात की. मैं खुश हो गया.
दोस्तो, मैं समीर अपनी आपबीती लेकर हाजिर हूँ.
आप सबने मेरी पहले वाली दोनों कहानियों
गर्लफ्रैंड की मस्त चुदाई
और
को सराहा, उसके लिए धन्यवाद.
जैसा कि आपने पिछली कहानी में पढ़ा था कि मेरी बुआ की सहेलियां घर आई थीं और अपनी सहेलियों से फुर्सत होते ही मैंने उस रात अपनी बुआ को छत पर ले जाकर सारी रात चोदा था.
सुबह हम दोनों रूम में आकर सो गए थे.
अब आगे Xxx बुआ की चुदाई कहानी:
सुबह जब मेरी आंख खुली तो देखा बुआ अभी भी सो रही थीं.
मैंने उनके गाल पर किस किया, पर वो गहरी नींद में सो रही थीं.
वो नंगी ही बेड पर मेरी तरफ पीठ करके लेटी थीं. उनकी मोटी गोरी गांड मेरी तरफ थी.
मैंने आगे होकर उन्हें अपनी बांहों में भर लिया. मैंने अपना लंड उनकी गांड की दरार में लगा दिया और उनके बूब को पकड़ कर मसलने लगा.
साथ ही में मैं उनकी गर्दन पर की किस कर रहा था.
मेरे कुछ देर ऐसा करने से बुआ जाग गईं.
मैंने उन्हें गुड मॉर्निंग बोला और उनके गाल पर एक किस कर दी.
फिर मैं और बुआ कल की चुदाई के बारे में बात करने लगे थे.
बातों ही बातों में बुआ ने पूछा- क्या तू मेरी सहेली नीलिमा को चोदना चाहेगा?
मैं- जरूर बुआ, पर कैसे?
बुआ- उसकी चिंता तुम मत करो, मैं तुम्हें उसकी चूत दिलवाऊंगी, ये मेरा काम है.
मैंने बुआ से बताने के लिए जिद की, पर वो बस इतना ही बोलीं कि समय आने पर तुम समझ जाओगे.
खैर … मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया. मुझे तो बस चूत मिलने से मतलब था.
अब हम दोनों उठे और फ्रेश हुए.
जब बुआ कपड़े पहन रही थीं तो मैंने कहा- बुआ अब जब तक हम घर में अकेले हैं, हम कपड़े नहीं पहनेंगे.
बुआ को भी ये आईडिया अच्छा लगा और वो मान गईं. फिर वो अपनी बड़ी सी गांड मटकाती हुई रसोई में चली गईं.
कुछ देर बाद हम दोनों कुछ नाश्ता आदि करके फ्री हुए तो बुआ ने नीलिमा को कॉल किया और उसे घर आने को कहा.
वो भी तुरंत आने को तैयार हो गयी.
कुछ देर बाद नीलिमा आयी.
वो घर आने वाली थी इसलिए हमने कपड़े पहन लिए थे.
मैंने सिर्फ बरमूडा और बनियान डाल ली और बुआ ने अपना गाउन पहन लिया.
कुछ देर बाद नीलिमा आयी.
वो आकर सोफे पर बैठ गयी और बुआ से बातें करने लगी.
आज वो गज़ब की माल लग रही थी.
उसने लाल रंग की चुस्त टी-शर्ट और ब्लू जींस पहनी थी, जिसमें से उसके बूब्स और जांघें बहुत भरी सी नज़र आ रही थीं.
मैं वहीं बैठा उसे वासना से देख था.
तभी बुआ ने कुछ ऐसा कहा कि जो सुनकर मैं दंग रह गया.
बुआ- नीलिमा, आज तो एकदम चुदने के लिए तैयार लग रही हो!
नीलिमा- हां यार, जब से तेरे इस ठोकू को देखा है, तब से इसके लंड के बारे में सोच रही हूँ.
मैं ये सुनकर भौचक्का रह गया- क्या … क्या मतलब है आपका … क्या ये पहले से तय था?
बुआ- हां बेटा, नीलिमा जानती थी कि मैं तेरा लंड ले रही हूँ, इसलिए उसने मुझे अपनी इच्छा बता दी थी.
नीलिमा- हां समीर, तेरी इस चुदक्कड़ Xxx बुआ सारिका ने मुझे बाद में फ़ोन पर सब बताया था.
बुआ- जितना तू इसे चोदना चाहता था, उससे ज्यादा ये तुझसे चुदवाने को मरी जा रही थी. इसलिए मैंने तुझे नीलिमा को चोदने के बारे में पूछा. तुम दोनों रेडी थे, इसलिए मैंने ये प्लान बनाया.
बुआ की बात से मैं बहुत खुश हुआ.
दरअसल बुआ और नीलिमा कॉलेज से अच्छी सहेली थीं और उन दोनों ने मिलकर बहुत बार लेस्बियन सेक्स किया था.
उन दोनों ने कई लड़कों से साथ में भी सेक्स किया था.
इस सब वजहों से उन दोनों में बहुत गहरी दोस्ती थी.
ये मुझे बुआ ने बताया था.
इन दोनों चुदक्कड़ औरतों की कहानी मैं आपको अगले भाग में जरूर बताऊंगा.
फिलहाल आप मेरी बुआ की सहेली नीलिमा की चुदाई का मजा लें.
अब बुआ ने अपना हाथ नीलिमा की ओर बढ़ाया.
नीलिमा ने भी तुरंत उनका हाथ पकड़ा और आकर उनकी गोद में बैठ गईं.
मैं बुआ की बगल में बैठा ये सब देख रहा था.
तभी नीलिमा ने बुआ का मुँह पकड़ा और उनके होंठों पर किस कर लिया
फिर उसने अपना एक हाथ से बुआ के एक बूब को पकड़ लिया और मसलने लगी.
मैं ये देख कर हैरान तो था, पर उससे कहीं ज्यादा उत्तेजित हो गया था.
मैंने अपना हाथ बुआ के दूसरे बूब पर रख और दबाने लगा.
बुआ ने भी तुरंत मेरा लंड पकड़ा और मसलने लगीं.
कुछ देर तक बुआ के मम्मों को दबाने के बाद नीलिमा उठी और आकर मेरी गोद में बैठ गयी.
इस वक्त मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और जब नीलिमा मेरी गोद में बैठी, तो उसकी गांड में चुभने लगा.
वो अपनी गांड को मेरे लंड पर रगड़ने लगी, मुझे किस करने लगी और मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी.
बुआ भी मेरे गले पर किस कर रही थी और साथ ही नीलिमा के बूब्स दबा रही थीं.
कुछ देर ऐसा ही चलता रहा.
फिर नीलिमा उठी और उसने अपने पर्स से एक गोली निकाली और मुझे देकर बोली- समीर ये खा ले ताकि हमारी चुदाई जल्दी न रुके.
मैंने वो गोली खा ली.
अब नीलिमा उठी और मेरी बनियान निकाल कर मेरी छाती चूमने लगी.
मुझे उसके ऐसे करने से बहुत मज़ा आ रहा था.
तभी बुआ मेरे करीब आईं और मुझे किस करने लगीं.
कुछ देर बाद नीलिमा ने मेरे बरमूडा पैंट को नीचे खींच दिया.
मैं उन दोनों औरतों के सामने पूरा नंगा था.
मुझे देख कर बुआ ने भी अपना गाउन उतार दिया और वो भी पूरी नंगी हो गईं.
अब बुआ मेरी गोद में आकर बैठ गईं और उन्होंने नीलिमा को अपनी ओर खींच लिया.
बुआ अपनी सहेली के कपड़े निकालने लगीं.
पहले बुआ ने उसकी टी-शर्ट निकाली और मैंने उसकी जींस निकाल दी.
अब वो सिर्फ क्रीम कलर की ब्रा और वायलेट कलर की पैंटी में थी.
मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया और बुआ उसकी पीठ पर किस करने लगीं, उसकी ब्रा निकाल दी.
कुछ ही देर में नीलिमा अब सिर्फ पैंटी में थी.
बुआ अब मेरे से चिपक कर बैठ गईं और नीलिमा को किस करने लगीं.
मैं भी पीछे से बुआ की गर्दन चूम रहा था और साथ ही नीलिमा के बूब्स दबा रहा था.
कुछ देर ऐसे ही चूमाचाटी चली.
फिर हम तीनों बेडरूम में आ गए.
बेडरूम में आते ही बुआ ने नीलिमा को बेड पर धक्का दे दिया, जिससे वो बेड पर जा गिरी.
तुरंत ही बुआ उसके ऊपर चढ़ गईं और वो दोनों किस करने लगीं.
वो दोनों बिल्कुल किसी लेस्बियन पोर्नस्टार की तरह दिख रही थीं.
मैं भी तुरंत जाकर उनके बाजू में लेट गया और बुआ की पीठ पर हाथ सहलाने लगा.
मैंने बाजू में बुआ के लटकते स्तन को हाथ में पकड़ लिया और चूसने लगा.
कुछ देर बाद वो दोनों उठीं और मुझ पर चढ़ गईं.
बुआ मेरे एक बाजू में लेट गईं और नीलिमा दूसरी ओर.
वो दोनों मेरे पास सरक आईं और हम तीनों ने एक साथ किस किया.
इसी दौरान मैं नीलिमा के बूब्स दबा रहा था और वो दोनों मेरे लंड को सहलाने लगी थीं.
उन्हें लंड सहलाने में मजा आने लगा था तो वो दोनों नीचे आकर मेरे लंड को चूमने लगीं.
कुछ पल बाद नीलिमा मेरी छाती पर किस करने लगी और बुआ मेरी जांघों पर जीभ फेरने लगीं.
थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा.
अब मैंने नीलिमा को लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसे किस करने लगा.
नीलिमा बिल्कुल पागल हो चुकी थी और मेरे बाल खींच रही थी, साथ ही वो बहुत जोर से किस भी कर रही थी.
ये मेरी जिंदगी का सबसे सेक्सी और वाइल्ड किस था.
इसी दौरान बुआ पीछे से मेरे टट्टे दबा रही थीं और गांड के छेद में किस कर रही थीं.
मैं नीलिमा के बूब्स चूसने लगा और बुआ उसके ऊपर चढ़कर उसे किस करने लगी.
नीलिमा के बूब्स चूसते हुए मैं बुआ की मोटी गांड दबा रहा था. नीलिमा के बूब्स काफी बड़े और नर्म थे. उसके मम्मों के चूचुक बिल्कुल सनी लिओनी जैसे थे.
मैं उसके दोनों निप्पलों को बारी बारी से कभी चूसता तो कभी दांतों में दबा देता.
वो सिसकी लेने की कोशिश करती, पर बुआ के होंठों के लगे होने की वजह से उसकी आवाज अन्दर ही दब जाती.
अब मैं नीलिमा पर नीचे आ गया और उसकी गोरी जांघों में फंसी उसकी गीली चूत को देखने लगा.
उसकी पैंटी पूरी गीली हो गयी थी और चूत की फांकों में फंस कर चूत का आकार दिखा रही थी.
मैंने उसकी जांघों पर यहां-वहां किस किया और अंतत: अपना मुँह सीधे उसकी चूत पर लगा दिया.
वो उस वक्त बुआ के बूब्स चूस रही थी.
मेरा मुँह अपनी चूत पर महसूस करते ही वो जोर से चिल्ला उठी- इस्स स आह आह मां मर गई … अह चूसो ऐसे ही आह आह.
मैंने उसकी पैंटी दांतों से पकड़ी और नीचे खींच ली.
उसकी गीली हो चुकी पैंटी को मैंने चाटा और उसमें लगा सारा चूत रस चाट लिया.
अब मैंने उसकी चूत देखी और क्या बताऊं दोस्तो … मैं बस उसे ही देखता रह गया.
उसकी चूत कुछ भूरे रंग की थी पर बिल्कुल गीली और चमकदार.
उसने अपनी चूत पर उगे झांटों के बाल सजावटी अंदाज में काटे थे, चूत के ऊपर झांटों की एक छोटी सी पट्टी थी.
मैंने तुरंत ही अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया.
आंह क्या खुशबू थी उसकी चूत की … सच में याद करके ही लंड फिर से खड़ा हो गया है.
उसकी चूत का पानी भी काफी टेस्टी था. मैं तो बिल्कुल जन्नत में था.
मैं आपको बता दूँ कि मुझे चूत चाटना, गांड चाटना, बगलें चाटना आदि बहुत पसंद हैं.
तभी बुआ भी आ गईं और हम दोनों ने बारी बारी से नीलिमा की चूत चाटी.
फिर नीलिमा ने कहा- समीर, बस अब और मत परेशान कर, जल्दी से एक बार चोद दे … ये साली तेरी रंडी बुआ ने तो अपनी आग बुझा ली है, अब मेरी भी बुझा दे.
इस पर बुआ ने मुझे चोदने का इशारा किया और बोलीं- हां चोद दे इस मेरी प्यारी छिनाल को … साली की चूत में बहुत गर्मी है.
मैंने तुरंत ही उठकर अपना लंड नीलिमा की चूत पर लगा दिया और बुआ ने उस पर थूक कर उसे चिकना बना दिया.
फिर मेरी गांड पर थपकी मार कर मुझे लंड चूत के अन्दर डालने का इशारा कर दिया.
मैंने पूरी ताकत से एक झटका दे मारा, जिससे लंड पूरा अन्दर चला गया.
नीलिमा जोर से सिसियायी और मेरे भी मुँह से सिसकारी निकल गयी.
बिना रुके मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया.
बुआ नीलिमा के पास चली गईं और उसके मुँह पर अपनी चूत रखकर बैठ गयी.
वो मेरी तरफ मुँह करके बैठी थीं तो बुआ मुझे किस करने लगीं.
अब हम तीनों को मज़ा आ रहा था.
हम इस पोजीशन में 5 मिनट तक रहे.
फिर बुआ बाजू में सरक गईं और बगल में लेट कर वो कभी नीलिमा को किस करतीं, तो कभी उसके बूब्स चूसतीं या उससे अपने मम्मे चुसवाए लगतीं.
मुझे ये देख कर बहुत उत्तेजना हो रही थी.
मैं भी कभी बुआ के बूब्स चूसता या कभी नीलिमा के चूस लेता.
ऐसी हमारी चुदाई चलती रही, जिसमें हमने दो बार पोजीशन बदली.
फिर मैं नीचे लेटा और नीलिमा मेरे लंड पर कूद रही थी और बुआ अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर बैठी थीं.
ऊपर वो दोनों चूमाचाटी चुसाई कर रही थीं.
जब नीलिमा झड़ने को हुई तो बुआ मेरे ऊपर से उठ गई और मैंने नीलिमा को अपने नीचे लिया और पूरी ताकत से चोदने लगा.
एक मिनट बाद वो झड़ कर निढाल हो गयी.
मैंने लंड बाहर निकाला और नीलिमा की कामरस भरी चूत चाट कर साफ कर दी. बुआ ने मेरे लंड को चूस कर साफ कर दिया.
मैं अभी भी पूरे जोश में था. मेरा लंड झड़ने के बाद भी कड़क था.
अब मैं बुआ की चुदाई करने लगा.
हम दोनों ने फिर से उसी तरह सेक्स किया.
बस इस बार नीलिमा की जगह बुआ मेरे लंड का शिकार थीं.
हमारा ये चुदाई का खेल न जाने कितनी देर चला.
फिर जब मैं बुआ की चुदाई करके झड़ने को हुआ तो उन दोनों ने मेरे लंड का माल अपने ऊपर निकलने को कहा.
मैंने वैसा ही किया और अपना माल उनके ऊपर निकाल दिया.
नीलिमा और बुआ दोनों के चेहरे और बूब्स मेरे माल से भरे थे, जिसे दोनों ने एक दूसरे के शरीर से चाट लिया.
हम तीनों थक गए थे तो यूं ही नंगे सो गए.
उस वक्त दोपहर के तीन बजे थे.
बाद में हम तीनों उठ कर नहाये और होटल से खाना मंगवा लिया.
खाना खत्म करके बातें करने लगे.
बुआ ने मुझे बताया कि वो और नीलिमा कैसे सहेली बनीं और कैसे वो लेस्बियन सेक्स और थ्रीसम, ग्रोअपसेक्स करने लगीं.
अगली कहानी में आप सब मैं उसके बारे में बताऊंगा.
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